डॉ. दिव्या श्रीवास्तव जी ने विवाह की वर्षगाँठ के अवसर पर तुलसी एवं गुलाब का रोपण किया है। उनका यह महत्त्वपूर्ण योगदान उनके प्रकृति के प्रति संवेदनशीलता, जागरूकता एवं समर्पण को दर्शाता है। वे एक सक्रिय ब्लॉग लेखिका, एक डॉक्टर, के साथ- साथ प्रकृति-संरक्षण के पुनीत कार्य के प्रति भी समर्पित हैं।
“वृक्षारोपण : एक कदम प्रकृति की ओर” एवं पूरे ब्लॉग परिवार की ओर से दिव्या जी एवं समीर जीको स्वाभिमान, सुख, शान्ति, स्वास्थ्य एवं समृद्धि के पञ्चामृत से पूरित मधुर एवं प्रेममय वैवाहिक जीवन के लिये हार्दिक शुभकामनायें।
नाम : डॉ. दिव्या श्रीवास्तव
वृक्ष का प्रकार : तुलसी एवं गुलाब
वृक्ष का नाम : शोभा एवं सुषमा
रोपण स्थल : थाईलैण्ड
अवसर : विवाह की वर्षगाँठ (वसन्त पञ्चमी)
कोड (संस्था प्रदत्त) : T12022011_10008
उनका ब्लॉग : http://zealzen.blogspot.com/
दिव्या जी एवं समीर लाल जी ब्लॉग जगत के जाने माने हस्ती हैं| उन्हें उनके वर्षगांठ पर हार्दिक शुभकामनाएँ|
ReplyDeleteडॉ. दिव्या जी मैं अपना पुराना वाक्य दुहरा रहा हूँ |आपको कभी न कभी रेमन मैग्सेसे जरूर मिलना चाहिए |कबीर ने कहा है वृक्ष कबहुं नही फल भखै |नदी न संचय निर् |परमारथ के कारने साधुन धरा शरीर |बुजुर्गों ने कहा है वृक्ष लगाना पुत्र प्राप्ति के समान है |पुनः बधाई डॉ दिव्या जी |
ReplyDeleteइस ब्लॉग की जितनी भी सराहना की जाय कम है |क्योंकि प्रकृति के बिना कविता की भी और जीवन की भी कल्पना नहीं की जा सकती है |ऊपर का दोहा अगर रहीम ने कहा हो तो क्षमा करियेगा |मैं confuse हो रहा हूँ |
ReplyDeleteदिव्या जी एवं समीर जी को बहुत सारी शुभकामनाएं| सच में दिव्या जी से बहुत कुछ सीखा है मैंने| ब्लॉग जगत में दिव्या जी का अच्छा नाम है, हम सब उनका सम्मान करते हैं| अपने विवाह की वर्षगाँठ पर उनके द्वारा किया गया वृक्षारोपण का कार्य सच में प्रशंसनीय है|
ReplyDeleteदिव्या जी एवं समीर लाल जी को बहुत सारी वर्षगांठ पर हार्दिक शुभकामनाएँ|
ReplyDeleteमेरी नई पोस्ट पर आपका स्वागत है
ReplyDelete"हट जाओ वेलेण्टाइन डेे आ रहा है!".
दिव्या जी एवं समीर जी को बहुत सारी शुभकामनाएं
ReplyDeleteदिव्या जी एवं समीर लाल जी को बहुत सारी वर्षगांठ पर हार्दिक शुभकामनाएँ|
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ReplyDeleteएक रचना इसी सन्दर्भ में आपको दे रहा हूँ | एक कदम पर्यावरण के दिशा में
ReplyDeleteनन्हा पौधा
हरा हरा एक नन्हा पौधा ,
लगा मेरे उपवन में |
जिसे देख कर फूल ख़ुशी के
खिलते जाते मेरे मन में |
धूप यह खाता , पीता पानी
यही तो इसका दाना पानी |
बढ़ते बढ़ते बढ़ जायेगा
एक घना वृक्ष यह बन जायेगा |
किसी राह का थका मुसाफ़िर ,
इसके नीचे नींद चैन की सो जायेगा |
शुभ अवसरों पर वृक्षारोपण / पौधे लगाना दिव्या जी के प्रकृति के प्रति प्रेम को दर्शाता है. उनका ये कार्य प्रशंसा के लायक है. उन्हें तथा उनके पति को शादी के वर्षगांठ की बधाई.
ReplyDeleteडॉ दिव्या जी को उनके इस नेक काम के लिए बधाई .....
ReplyDeleteदिव्या जी एवं समीरलाल जी विख्यात ब्लागर हैं। उन्हें उनकी वैवाहिक वर्षगांठ एवं पर्यावरण संरक्षण-संबंधी नई पह्ल पर हार्दिक शुभकामनाएँ|
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अधिकारी शाबशी के, दिव्या और समीर।
सौम्य-सृष्टि निर्माण में, खींची नई लकीर॥
सद्भावी-डॉ० डंडा लखनवी
Bahut hee sarahneey prayas!Divyaji ko badhayi!
ReplyDeleteaapka prayas stuty hai.
ReplyDeletenamaskar.
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ReplyDelete@ वृक्ष जी --
आपका नाम नहीं मालूम इसलिए 'वृक्ष' लिखकर संबोधित कर रही हूँ। जब भी अपने घर की बगिया में जाती हूँ तो इन पौधों कों देखकर आपकी याद आती है । आपने पौधों कों बहुत प्यारे नाम दिए हैं । इसके लिए आपका आभार ।
कृपया ध्यान दें --
कुछ लोगों ने दिव्या के साथ 'श्री समीर लाल ' लिखा है जो अनुचित है। ब्लॉगर 'समीर लाल जी ' एक भिन्न व्यक्ति हैं जो कनाडा में रहते हैं और मैं अपने पति 'श्री समीर श्रीवास्तव जी ' के साथ थाईलैंड में रहती हूँ।
कृपया इस ग़लतफहमी कों दूर किया जाए ।
आभार।
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बधाई एवं शुभकामनाओं के लिए हम दोनों की तरफ से आप सभी का आभार ।
ReplyDeleteवृक्ष लगा कर बहुत ही नेक कार्य किया है दिव्या जी ने ...
ReplyDeleteअपने आस पास हमने भी बहुत पेड़ लगाये हैं ....उनकी छाया के तले गज़ब सुकून है ...!
श्रीमती दिव्या श्रीवास्तव ओर उनके पति श्री समीर श्रीवास्तव को शादी की सालगिरह पर हार्दिक बधाई ..
ReplyDeleteवृक्ष जी पहली टिप्पणी निकाल दीजिये
....सुखमय जीवन ,प्रदुषण रहित , शस्य श्यामला वसुंधरा
ReplyDeleteतुलसी का पावन एक पौंधा ,आंगन कर दे हरा-भरा
हरी-भरी हो धरती अपनी, महके घर- आंगन अपना
रंग- बिरंगे फूल खिले हों, कितना सुन्दर है सपना ?........
डा. दिव्या श्रीवास्तव और उनके पति श्री समीर श्रीवास्तव जी को शादी की सालगिरह पर हार्दिक बधाई ..
साथ ही पूनम आर्या, श्रीकृष्ण द्विवेदी, श्रीकृष्ण द्विवेदी, प्रत्यूष वत्सल मिश्र. प्रज्ञा गुप्ता, शिरोमणि शुक्ल (सत्यम्)
एवं पीयूष राम त्रिपाठी आदि सभी पर्यावरण प्रेमियों को हार्दिक बधाई और एक सार्थक प्रयास हेतु आपको ढेरों बधाई और शुभकामनाएं प्रेषित करता हूँ ,
दिव्या एवं समीर जी को बहुत बहुत बधाई और आशीर्वाद।
ReplyDeleteवृक्षारोपण नहीं पौधरोपण। हा-हा। अख़बारी इंसान हूं, इसलिए यह फर्क करता हूं। वृक्ष बड़ा होता है और पौधा छोटा। खैर, आपको और आपके पति श्री समीर श्रीवास्तव जी को शुभकामनाएं। ब्लॉग जगत में आप हमेशा चमकते रहें और अपने अमूल्य विचारों से दूसरों के दिमाग रौशन करते रहें।
ReplyDeleteमैं तोपची नहीं हूं पर दुनाली का मालिक जरूर हूं। ब्लॉग ‘‘दुनाली’’ की ओर से ही सलामी कबूल करें।
धन्यवाद
टिप्पणी के लिये धन्यवाद बन्धुवर!
ReplyDeleteबात तो आपकी ठीक है
परन्तु हर पौधा अपने अनुपात में इस जगती का कल्याण ही करता है।
वृक्ष की समष्टि में पौधे की व्यष्टि समाहित्त है।
जिससे जो योगदान, तात्कालिक परिस्थिति में सम्भव होता है करता है।
अतः दिव्या जी का कार्य प्रशंसनीय है।
बहुत सुन्दर दिव्या जी..आपको हार्दिक बधाई. यह ब्लॉग भी तो अनुपम है.
ReplyDeletebahut sundar....ham bhi ped lagayenge kuchh aur jaldi hi...
ReplyDeleteअच्छा लगा , बधाई ।
ReplyDeleteदिव्या जी एवं समीर जी को बहुत सारी शुभकामनाएं|
ReplyDeleteदिव्या जी एवं समीर जी को बहुत सारी शुभकामनाएं|
ReplyDeleteवृक्षारोपण के प्रति ध्यान आकर्षित करने के लिए धन्यवाद तथा सालगिरह की शुभ कामनाएं !
ReplyDeleteतुलसी ओज़ोन का एक स्रोत भी है, दिव्या जी का यह कार्य अनुकरणीय है।
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